Wednesday, 19 August 2015

वह सपूत भारत माता का....



वह सपूत भारत माता का (गीत)
                   डॉ. रामवृक्ष सिंह

वह सपूत भारत माता का अभी-अभी ले गया विदाई।
अवनि और अंबर में जिसने भरत-भूमि की शान बढ़ाई।।

जिसने सिखलाया बच्चों को सपनों के पंखों पर उड़ना।
प्रासादों औ प्राचीरों को तज अपनी मिट्टी से जुड़ना।
सबसे ऊँचा पद पाकर भी विनयशीलता नहीं भुलाई।
वह सपूत भारत माता का अभी-अभी ले गया विदाई।।

बना आणविक शक्ति देश तब जब उसने अभियान चलाया।
अग्नि और पृथ्वी के ज़रिए भारत का परचम लहराया।
और अगर मौका पाया तो वीणा जिसने मधुर बजाई।
वह सपूत भारत माता का अभी-अभी ले गया विदाई।।

जिसकी आँखों में बसते थे नव-भारत के स्वप्न सुहाने।
चला गया निष्ठुर तजकर सब, सत्य किन्तु मन कैसे माने।
उस अजातअरि से भी यम ने यह कैसी दुश्मनी निभाई।
वह सपूत भारत माता का अभी-अभी ले गया विदाई।

जिसकी चमक न होगी फीकी, वह भारत का रत्न अनूठा।
उस गौरवमय के समक्ष सर्वस्व धरा का लगता झूठा।
हा! हतभागी भरत-वर्ष ने वह अमूल्य निधि आज गँवाई।
वह सपूत भारत माता का अभी-अभी ले गया विदाई।

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