पाठक-समाज को
सादर नमस्कार।
हिंदी भाषा और साहित्य के अनुरागी बंधुओं-बांधवियों का हार्दिक अभिनंदन।
हिंदी और देवनागरी की शक्ति व सामर्थ्य से हम सभी अवगत हैं। मैं स्कूल के दिनों से ही हिंदी साहित्य-सृजन करता रहा हूँ। दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए हिंदी ऑनर्स, एमए हिंदी और एमफिल हिंदी की डिग्रियाँ हासिल करने के बाद, पिछले छब्बीस वर्ष से हिंदी की सेवा कर रहा हूँ। इस दौरान जो भी खट्टे-मीठे अनुभव हुए हैं और भाषा व साहित्य के संबंध में जो अनुभूतियाँ मेरे अंतस्तल को मथती रही हैं, उन्हें मैं आपके सामने लाऊँगा।
सारांश यह कि इस ब्लॉग के माध्यम से मैं भाषा और साहित्य के बारे में अपने विचारों से माननीय पाठकों को अवगत कराऊँगा। साथ ही, उनके विचारों से अवगत होने की आकांक्षा भी रहेगी। इसलिए विज्ञ पाठकों से अनुरोध है कि वे अपने विचारों व टिप्पणियों से मुझे अवश्य अवगत कराएँ। मेरा ई-मेल है-ramvriksh.singh1963@gmail.com or
ramvriksh.singh@yahoomail.com
साथ ही, Hindi sahitya lok में प्रकाशनार्थ आपकी रचनाएं भी आमंत्रित हैं।
पुनः आप सभी को विनम्रतापूर्वक नमस्कार और हार्दिक शुभकामनाएँ।
(डॉ. रामवृक्ष सिंह)
सादर नमस्कार।
हिंदी भाषा और साहित्य के अनुरागी बंधुओं-बांधवियों का हार्दिक अभिनंदन।
हिंदी और देवनागरी की शक्ति व सामर्थ्य से हम सभी अवगत हैं। मैं स्कूल के दिनों से ही हिंदी साहित्य-सृजन करता रहा हूँ। दिल्ली विश्वविद्यालय से बीए हिंदी ऑनर्स, एमए हिंदी और एमफिल हिंदी की डिग्रियाँ हासिल करने के बाद, पिछले छब्बीस वर्ष से हिंदी की सेवा कर रहा हूँ। इस दौरान जो भी खट्टे-मीठे अनुभव हुए हैं और भाषा व साहित्य के संबंध में जो अनुभूतियाँ मेरे अंतस्तल को मथती रही हैं, उन्हें मैं आपके सामने लाऊँगा।
सारांश यह कि इस ब्लॉग के माध्यम से मैं भाषा और साहित्य के बारे में अपने विचारों से माननीय पाठकों को अवगत कराऊँगा। साथ ही, उनके विचारों से अवगत होने की आकांक्षा भी रहेगी। इसलिए विज्ञ पाठकों से अनुरोध है कि वे अपने विचारों व टिप्पणियों से मुझे अवश्य अवगत कराएँ। मेरा ई-मेल है-ramvriksh.singh1963@gmail.com or
ramvriksh.singh@yahoomail.com
साथ ही, Hindi sahitya lok में प्रकाशनार्थ आपकी रचनाएं भी आमंत्रित हैं।
पुनः आप सभी को विनम्रतापूर्वक नमस्कार और हार्दिक शुभकामनाएँ।
(डॉ. रामवृक्ष सिंह)
No comments:
Post a Comment